Priceless Tears | Hindi Poems

पंछी नहीं हूँ फिर भी चहकता हूँ,
फूल नहीं हूँ फिर भी महकता हूँ,
खामोश हूँ फिर भी, 
एक सुर सा खनकता हूँ, 
आंसुओ से भरा घड़ा हूँ, 
फिर भी कभी ना छलकता हूँ,
थक चूका हूँ फिर भी, 
तेरी यादो कि कैद का बंदी हूँ में..
हर वक़्त वीरानो में टहलता हूँ,
सूखे सागर में कश्ती चलाता हूँ, 
देखते हैं कि दुनिया के इरादों में, 
ज्यादा ताकत हैं !
या फिर खुदा कि इबादत में ! 
मैं हर रोज़ सजदे में जमीन पर, 
अपना सिर पटकता हूँ !


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