तू ही दिल है


  तू ही दिल हैतू ही जान है,
तेरे सिवाय अब कोई ना मेरा अरमान है , 
तू ही मेरी सुबह,  
तू ही मेरी शाम है,
तेरे बिना ना  ही दिन है,
ना ही कोई साँझ है,
तू ही दिल का सुकून है,
धड़कन की आवाज़ है,
तेरे बिना इस बेताब दिल को
कही भी ना करार है...
तू रब हैतू ही दुआ है,
ऐसा पहले तो कभी ना हुआ है,
तू ही मेरा गुरुर है,
तू ही मेरा अभिमान है;
तुझे मांग लूया मोड़ दू,
मेरी धडकनों का हर वक़्त यही फरमान है,
मेरी दिल की इस वीरान बस्ती में,  
सिर्फ तेरी यादों का ही एक मकान  है !

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